No. 1 Moral Stories in Hindi | कृपण दोस्त की कहानी

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कृपण दोस्त की कहानी (Moral stories in Hindi ) 2020

कृपण दोस्त की कहानी (Moral stories in Hindi ) 2020 image
कृपण दोस्त की कहानी (Moral stories in Hindi ) 2020 image

पूराने जामने की बात है ‘ धूलापुर गाँव में, शिवा नामक एक बहुत कृपण लड़का रहते थे ৷ शिवा ने हर कोई बात पर कृपणाली करता था ৷ शिवा का तीन दोस्त था ৷ लेकिन तिनो में से शिवा अलग था ৷ शिवा और उनका दोस्त रमेश, राजू , प्रवीन एक ही कक्षा में पड़ते थे ৷

एक दिन की बात ৷ शाम का समय था ৷ इन चारो दोस्त मिलकर School की पड़ाई खत्म करके College की पड़ाई के लिए अपने गाँव से दुर की शहर जाने का फैसला क्या और जैसा सोच वैसा ही हुआ ৷ चारो दोस्तों ने रेल कि टिकट बुँक कर दिया ৷ देखते देखते शहर जाने का समय आया . और चारो ने मिलकर अपना अपना bag(कपड़ा, थोड़ा खाना , और जरुरी चीज) लेके रेल स्टेशन पहुँचा ৷ गाँव से रेल स्टेशन करीब 5 km हगा ৷ रेल स्टेशन पहुँते ही रमेश के घर से call 📞 आयी ओर पिताजी का दुर्घटना(accident) के खबर मिला ৷ तब चारों ने एसी खबर सुनकर तुरन्त सीधा हस्पीटल में चली गयी ৷

हस्पीटल में रमेश का पिताजी बहुत खाराब हालत में थे ৷ डक्टर ने Emergency case बलकर कहा तुम पैसा जुगाड़ करो ৷ लेकिन नियत की खेल क्या कहा जाये उस समय रमेश का पास उतना पैसा नही था ৷ कुछ दिन पहले ही रुः 1 लाख college की fees दिया ৷ कुछ पैसा था जो उनकी रेल यात्रा के लिए जरुरत थे अब उनके पास उतना ही पैसा हैं ৷ तब उसकी दोस्तो बला पैसे के बारे में, सभी दोस्तो के पास जितना पैसा था उन पैसे से अराम से operation हो जाता लेकिन बात ये है की शीवा कृपणाली के चलते पैसे देने के लिए इंकार कर दिया ৷ और सही वक्त पर पैसा ना मिलने पर Operation नहीं किया और कुछ देर बात रमेश का पिताजी सर्ग वासी(Death) हो गयी ৷

कृपण दोस्त की कहानी | Moral stories in Hindi | End(खत्म)

Moral of the Story:
इस कहानी से यह साबित होता है कि कृपण लोगो से दोस्ती रखना नहीं चाहिए ৷ जो दोस्त बिपद में काम ना आए वो दोस्त किस काम का ৷

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